एनसीपी के नाम और चुनाव चिह्न पर रस्साकशी, अजित बोले- चुनाव आयोग के सामने हम भी रखेंगे अपना पक्ष
शरद पवार गुट और अजित पवार खेमे ने पार्टी के नाम और निशान के दावे पर चुनाव आयोग के नोटिस का जवाब देने के लिए चार सप्ताह की मोहलत मांगी थी। इस पर 14 अगस्त को तीन सप्ताह का अतिरिक्त समय दिया था। आयोग में सुनवाई को लेकर अजित ने पत्रकारों से बातचीत की।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नाम और चुनाव चिह्न को लेकर शरद पवार और भतीजे अजित पवार में रस्साकशी चल रही है। हाल ही में, चुनाव आयोग ने दोनों पक्षों के लिए नोटिस का जवाब देने की मोहलत बढ़ाई थी। इस बीच, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने पत्रकारों से कहा कि हर किसी को अपना पक्ष रखने का अधिकार है।
अजित की बगावत के बाद बदले हालात
गौरतलब है, पांच जुलाई को निर्वाचन आयोग को 40 सांसदों, विधायकों और एमएलसी के हलफनामों के साथ-साथ कुछ एनसीपी सदस्यों का एक प्रस्ताव भी मिला था, जिसमें उन्होंने अजित पवार को एनसीपी प्रमुख के रूप में चुना था। इस संबंध में पत्र 30 जून को लिखा गया था। इससे दो दिन पहले अजित पवार ने एनसीपी को दो फाड़ कर दिया था और आठ मंत्रियों के साथ शपथ ग्रहण की थी। अजित ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी।
अजित का नया बयान
एनसीपी पार्टी के चुनाव चिह्न और नाम के दावे पर भारत चुनाव आयोग की सुनवाई पर अजित पवार ने कहा कि हर किसी को अपना पक्ष रखने का अधिकार है, हम भी चुनाव आयोग के सामने अपना पक्ष रखेंगे।
चुनाव आयोग ने क्या कहा था?
दोनों शरद पवार गुट और अजित पवार खेमे ने पार्टी के नाम और निशान के दावे पर चुनाव आयोग के नोटिस का जवाब देने के लिए चार सप्ताह की मोहलत मांगी थी। इस पर बाद में 14 अगस्त को, चुनाव आयोग ने एनसीपी के विरोधी गुटों को पार्टी के नाम और निशान से संबंधित नोटिस का जवाब देने के लिए तीन सप्ताह का अतिरिक्त समय दिया है।
27 जुलाई को मामले में नोटिस जारी किया था
इससे पहले चुनाव आयोग ने 27 जुलाई को मामले में नोटिस जारी किया था। आयोग ने दोनों खेमों से असली पार्टी होने के दावे से जुड़े दस्तावेज मांगे थे। चुनाव आयोग ने दोनों खेमों को तय समय में दस्तावेजों का आदान-प्रदान करने को कहा था।