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उत्तराखंड

गंगोत्री में जमने लगी भागीरथी नदी, हर्षिल में लोहे के पाइप फटे, बर्फ पिघलाकर कर रहे पानी आपूर्ति

बिना बारिश और बर्फबारी के भी न्यूनतम तापमान माइनस 1 से 10 डिग्री तक जा रहा है, तो वहीं हर्षिल घाटी में दिन में अधिकतम तापमान चार से पांच डिग्री तक रह रहा है। शाम चार बजे के बाद यह माइनस 1 से देर रात तक माइनस 8 डिग्री न्यूनतम जा रहा है।

उत्तरकाशी जनपद में सूखी ठंड के बीच ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तापमान माइनस 10 डिग्री तक जाने के कारण गंगोत्री धाम में नदी जमने लगी है। वहीं, धाम और हर्षिल घाटी में पानी की आपूर्ति बंद हो गई है। साथ ही वहां लोहे के पाइप फटने के कारण स्थानीय लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

गंगोत्री धाम में इन दिनों बिना बारिश और बर्फबारी के भी न्यूनतम तापमान माइनस 1 से 10 डिग्री तक जा रहा है, तो वहीं हर्षिल घाटी में दिन में अधिकतम तापमान चार से पांच डिग्री तक रह रहा है। शाम चार बजे के बाद यह माइनस 1 से देर रात तक माइनस 8 डिग्री न्यूनतम जा रहा है।

धराली निवासी मंजुल पंवार ने बताया कि तापमान में भारी गिरावट आने के कारण पानी की आपूर्ति बंद हो गई है।

कई स्थानों पर पानी की आपूर्ति के लिए लगाए गए लोहे के पाइप भी फट गए हैं। हालांकि आपूर्ति पूरी करने के लिए रबर के पाइप लगाए जा रहे हैं, लेकिन वह भी रात्रि में तापमान गिरने के कारण फट रहे हैं।

वहीं दूसरी ओर गंगोत्री धाम में भागीरथी नदी भी जमने लगी है। यहां पर भी नदी में बर्फ और उसकी सिलियां दिख रही है। नदी में पानी बहुत ही कम मात्रा में है।

वहां पर शीतकाल में मंदिर समिति की ओर से तैनात लोगों का कहना है कि पानी के स्रोत सब जम गए हैं। इसलिए नदी से ही पानी लाकर और कई बार बर्फ के पिघलाकर ही आपूर्ति पूरी करनी पड़ रही है।

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