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उत्तराखंड

पैदल मार्ग पर रामबाड़ा से रुद्रा प्वाइंट तक हिमखंड सक्रिय धाम में पांच फीट बर्फ जमी, तस्वीरें

27 और 28 फरवरी को केदारनाथ में भारी बर्फबारी हुई थी। वहीं, बीते दो दिन भी वहां हल्की-हल्की बर्फबारी हुई। यही नहीं, सोमवार को भी मौसम खराब ही रहा।

केदारनाथ मंदिर परिसर से समूची केदारपुरी में बर्फ की मोटी चादर बिछी हुई है। साथ ही गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर गौरीकुंड से केदारनाथ तक एक से पांच फीट तक बर्फ जमा है।

यही नहीं, रामबाड़ा से रुद्रा प्वाइंट तक छह स्थानों हिमखंड भी सक्रिय हो गए हैं, जिनसे पार पाना मुश्किल है। पुराने मार्ग को रामबाड़ा से गरुड़चट्टी तक पुनर्जीवित करने में जुटे मजदूर भी भारी बर्फबारी के बाद सोनप्रयाग लौट आए हैं।

बीते 27 और 28 फरवरी को केदारनाथ में भारी बर्फबारी हुई थी। वहीं, बीते दो दिन भी वहां हल्की-हल्की बर्फबारी हुई। यही नहीं, सोमवार को भी मौसम खराब ही रहा। बताया जा रहा है कि केदारनाथ में पांच फीट तक बर्फ जमा हो रखी है।

आने वाले दिनों में भी मौसम खराब होने की संभावना है, ऐसे में बर्फबारी से इन्कार नहीं किया जा सकता है। यही नहीं गौरीकुंड-केदारनाथ 16 किमी पैदल मार्ग भी बर्फ से लकदक है। यहां एक से पांच फीट तक बर्फ जमा है।

रामबाड़ा से रुद्रा प्वांइट के बीच टीएफटी चट्टी, हथनी गदेरा, कुबेर गदेरा, भैरव गदेरा और रुद्रा प्वाइंट के समीप विशालकाय हिमखंड पसरे हुए हैं। छोटी और बड़ी लिनचोली में चार फीट से अधिक बर्फ जमा हो रखी है।

इन हालात में आगामी 2 मई से शुरू होने वाली केदारनाथ यात्रा की तैयारियां कब शुरू होंगी, कहना मुश्किल है। अधिकारियों की मानें तो, जिस तरह से बर्फ जमा है, उस स्थिति में इस मार्च माह में बर्फ की सफाई का कार्य शुरू करना मुश्किल है।

बता दें कि 2024 में भी जनवरी-फरवरी में केदारनाथ क्षेत्र में जमकर बर्फबारी हुई थी, पर प्रशासन ने 20 फरवरी से रास्ते से बर्फ हटाने का काम शुरू करवा दिया था। दूसरी तरफ रामबाड़ा-गरुड़चट्टी पुराने मार्ग को पुनर्जीवित करने का कार्य भी बर्फबारी के चलते बंद हो गया है। यहां काम कर रहे 90 मजदूर बीते सप्ताह वापस सोनप्रयाग लौट आए हैं।

गौरीकुंड से केदारनाथ तक बर्फ जमा है। पैदल मार्ग पर रामबाड़ा से आगे आवाजाही करना संभव नहीं है, क्योंकि यहां हिमखंड सक्रिय हो गए हैं। साथ ही धाम में भी पांच फीट बर्फ है। पुराने रास्ते को पुनर्जीवित करने का कार्य बर्फबारी के बाद से बंद पड़ा है। अगर मौसम ने साथ दिया तो आगामी 20 मार्च के बाद रास्ते से बर्फ हटाने का काम शुरू किया जा सकता है।

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