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उत्तराखंड

तीन और शव मिले, आपदा में अब तक 30 की मौत; 10 लापता लोगों की तलाश में अभियान जारी

दून घाटी की आपदा में अभी तक कुल 10 लोग लापता हैं।लापता लोगों को तलाशने के लिए एसडीआरएफ और एनडीआरएफ मोर्चा संभाले हुए हैं।दून घाटी में आई आपदा में अब तक 30 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। चौथे दिन झारखंड निवासी विरेंद्र सिंह का शव मजाडा में मिला। वहीं, मसांदावाला कैंट से लापता प्रीतम सिंह पुत्र गंगावासी निवासी अमरोहा का शव सहारनपुर क्षेत्र और पुष्पेंद्र पुत्र प्यारेलाल निवासी अमरोहा का शव हरियाणा के यमुनानगर से बरामद हुआ।लापता लोगों को तलाशने के लिए एसडीआरएफ और एनडीआरएफ मोर्चा संभाले हुए हैं। अभी तक कुल 10 लोग लापता हैं। मालदेवता क्षेत्र के प्रभावित इलाके का गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडेय ने निरीक्षण किया और स्थानीय प्रशासन को राहत बचाव कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए। इससे पहले जिलाधिकारी सविन बंसल ने भी प्रशासनिक अमले के साथ आपदाग्रस्त इलाकों का पैदल दौरा कर नुकसान का जायजा लिया।मालदेवता, सहस्रधारा, परवल समेत कई इलाकों से मंगलवार सुबह तक लोगों के नदियों और मलबे में लापता होने की सूचनाएं प्रशासन को मिली थीं। इनमें से अब तक 30 के शव बरामद हो चुके हैं। देहरादून से लापता हुए दो लोगों के शव सहारनपुर के मिर्जापुर इलाके में यमुना से मिले थे। जबकि, कुछ शव यमुनानगर तक पहुंच गए थे।सबसे बड़ी घटना परवल में हुई थी जहां से लापता हुए 14 लोगों में से 12 लोगों के शव बरामद हो चुके हैं। दो की अब भी तलाश जारी है। दूसरी सबसे बड़ी घटना फुलेत गांव में हुई। यहां छह लोगों के सैलाब में बहने या दबने की सूचना मिली थी। इन छह लोगों में से अब तक तीन लोगों के शव बरामद हो चुके हैं। प्रशासन ने अधिकारिक तौर पर बृहस्पतिवार को 20 लोगों की मौत और 13 लोगों के लापता होने की जानकारी मुहैया कराई थी।साथ ही राहत और बचाव कार्य भी तेजी से किया जा रहा है। चौथे दिन शुक्रवार तक कई ध्वस्त मार्गों पर वैकल्पिक व्यवस्था के तहत आवाजाही आंशिक रूप से शुरू हो गई थी। मसूरी मार्ग को अब शाम सात बजे से सुबह छह बजे तक के लिए प्रतिबंधित किया गया है ताकि लोगों को परेशानियों का सामना न करना पड़े। साथ ही प्रेमनगर टोंस नदी के पुल टूटने के बाद यहां डायवर्जन व्यवस्था लागू है। यहां सिंघनी वाला, प्रेमनगर बाजार आदि क्षेत्रों से आवाजाही हो रही है।

इन जगहों पर पुलिस को तैनात किया गया है। मालदेवता क्षेत्र में कच्ची सड़क बनाकर यहां से आपातकालीन वाहन और स्थानीय लोगों की आवाजाही शुरू कर दी गई है। जिलाधिकारी ने यहां लोनिवि को जल्द से जल्द काम शुरू करने के निर्देश दिए हैं।जिलाधिकारी सविन बंसल ने प्रभावित लोगों से बातचीत भी की। लोगों ने उन्हें बताया कि फुलेत में चार घर टूटे हैं। सिमयारी में एक और छमरौली में दो घर टूटे हैं। जिलाधिकारी ने बताया कि लोनिवि को इन क्षतिग्र्रस्त भवनों की तकनीकी रिपोर्ट शनिवार तक प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। स्थानीय लोग यहां पर हल्दी, अदरक और मिर्च जैसी नकदी फसल उगाते हैं मगर रास्ते बंद होने से उनकी फसलें मंडी तक नहीं पहुंच पा रही हैं। यहां पर टूटी नहरों और गूल को ठीक करने के लिए लघु सिंचाई विभाग को निर्देशित किया गया है।







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