Home Tuition in Dehradun
Uttarakhand Election Promotion 2024
उत्तराखंड

सावधान…देहरादून की गलियों में घूम रहा गुलदार, घरों से न निकलें, पुलिस ने किया अलर्ट

बीते दिनों देहरादून में गुलदार के हमले की दो घटनाएं होने के बाद पुलिस और वन विभाग सतर्क हो गया है। लोगों से अपील की है कि वे रात में अपने घरों से बाहर न निकलें।

देहरादून शहर के कई इलाकों में गुलदार दिखने की सूचना से पुलिस और वन विभाग की टीमें हरकत में आ गई हैं। रायपुर व राजपुर पुलिस  ने सोमवार शाम से देर रात तक  सड़कों पर लाउडस्पीकर के जरिए  इलाके में गुलदार दिखने की सूचना दे लोगों से घरों में ही रहने की अपील की। पुलिस को रायपुर के मयूर विहार में भी गुलदार दिखने की सूचना मिली थी। वन विभाग की टीमें यहां भी गश्त कर रही हैं। 

बता दें कि बीस दिन में देहरादून में गुलदार के हमले की दो घटनाएं होने के बाद पुलिस और वन विभाग भी चौकन्ना है। सोमवार को दिन ढलने के बाद से ही पुलिस और वन विभाग की टीमें गश्त के लिए निकल गईं। रात में राजपुर और रायुपर थाना की पुलिस ने कई अलग-अलग पेट्रोलिंग वाहनों से लाउडस्पीकर से लोगों को अलर्ट किया।

पुलिसकर्मी सायरन बजाते हुए लोगों को सचेत कर रहे हैं। इसके वीडियो भी वायरल हो रहे हैं। पुलिसकर्मी कह रहे हैं कि क्षेत्र में गुलदार (तेंदुआ) घूम रहा है। आप लोग घरों से न निकलें। सभी लोग सतर्क रहें। कहीं गुलदार दिखाई देता है तो इसकी सूचना वन विभाग और पुलिस को दें।

धुंध का पूरा फायदा उठा रहा गुलदार

सर्दी और धुंध बढ़ने के साथ ही गुलदार बेखौफ हो गए हैं। पिछले 20 दिनों में गुलदार दो बालकों पर हमले कर चुके हैं। इसमें एक की मौत हो गई, जबकि दूसरे को गुलदार के शिकंजे से बचा लिया गया। वन्यजीव जानकार बताते हैं कि ठंड बढ़ने के साथ ही स्थितियां गुलदार के पक्ष में आ जाती है।

सर्दियों में जल्दी दृश्यता कम होने पर पहाड़ी क्षेत्रों में इसका पूरा लाभ गुलदार उठाता है। शाम से ही आवाजाही कम होने पर गुलदार पूरी तरह बेखौफ हो जाता है और गांवों की परिधि में दाखिल होकर बच्चों और जानवरों को आसानी से शिकार करने का दुस्साहस कर लेता है।

उत्तराखंड के जंगलों में पहले ही गुलदारों की संख्या बढ़ती जा रही है। इसलिए गुलदारों के सामने शिकार करने की आए दिन चुनौती रहती है। डीएफओ देहरादून नितिशमणि त्रिपाठी बताते हैं कि सर्दी में विजबिलिटी कम हो जाती है। इस कारण गुलदार सामान्य दिनों की अपेक्षा बेखौफ हो जाता है। सर्दी में पहाड़ी क्षेत्रों में लोग घरों से बाहर नहीं निकलते। इसका लाभ वह उठाता है और आसानी से शिकार कर लेता है।

सर्दी में शाम चार से रात नौ बजे तक करता है शिकार

वन्यजीव विशेषज्ञ डॉ. जीएस कुसारिया बताते हैं कि कि सर्दी में गुलदार के शिकार करने की साइकिल भी बढ़ जाती है, गर्मी में यह शाम सात से नौ बजे के बीच शिकार करता है, जबकि ठंड में सन्नाटा पसर जाने पर शाम चार से रात में नौ बजे तक शिकार करता है। शिकार के लिए अधिक समय होने पर खतरा भी अधिक होता है। बताते हैं कि वह बकरी और बछड़े की लोकेशन का अंदाजा सूंघकर ले लेता है। इस बीच गांवों में बच्चे आदि खेलते मिल जाने पर उन पर हमला बोल देता है।

बरतें सावधानियां

– जंगली क्षेत्रों में अकेले न जाएं। आवश्यक हो तो हाथ में लाठी-डंडा अवश्य रखें।
-समूह में लोगों के साथ रास्ते से गुजरें, इससे गुलदार से बचाव कर सकेंगे।
– बच्चों को ऐसी जगहों पर न जाने दें, जहां गुलदार की आवाजाही आम हो।

Register Your Business Today

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button