अनुभवी पहलवान बजरंग पूनिया, स्क्वॉश स्टार दीपिका पल्लीकल तक, अपने अंतिम एशियाई खेलों में छाप छोड़ने को बेताब ये धुरंधर
अनुभवी पहलवान बजरंग पूनिया, स्क्वॉश स्टार दीपिका पल्लीकल, टेनिस खिलाड़ी अंकिता रैना और चक्काफेंक खिलाड़ी सीमा पूनिया के लिए भी यह आखिरी एशियाई खेल हैं।
टेनिस स्टार रोहन बोपन्ना से लेकर हॉकी के दिग्गज गोलकीपर पी. आर. श्रीजेश और महान टेबल टेनिस खिलाड़ी अचंत शरत कमल तक, भारत के कई धाकड़ खिलाड़ी हांगझोऊ में एशियाई खेलों से विदा लेंगे। शरत और रोहन चालीस पार करने के बाद भी विश्व स्तरीय प्रदर्शन कर रहे हैं जबकि 35 वर्ष के श्रीजेश अभी भी भारतीय हॉकी की दीवार हैं। अनुभवी पहलवान बजरंग पूनिया, स्क्वॉश स्टार दीपिका पल्लीकल, टेनिस खिलाड़ी अंकिता रैना और चक्काफेंक खिलाड़ी सीमा पूनिया के लिए भी यह आखिरी एशियाई खेल हैं। ये सभी कॅरिअर के आखिरी पड़ाव पर भी पदक के दावेदार हैं।
43 वर्ष के बोपन्ना ने इस साल पुरुष युगल वर्ग में विंबलडन सेमीफाइनल और अमेरिकी ओपन फाइनल खेला। उन्होंने रविवार को मोरक्को के खिलाफ मुकाबले के बाद डेविस कप से विदा ली और हांगझोऊ में पुरुष युगल एशियाई खेलों में उनकी आखिरी स्पर्धा होगी। इक्कीस साल पहले एशियाई खेलों में पदार्पण करने वाले बोपन्ना गत चैंपियन हैं। उन्होंने 2018 में दिविज शरण के साथ खिताब जीता था। वह हांगझोउ में युकी भांबरी के साथ उतर सकते हैं।
41 वर्ष के टेबल टेनिस स्टार शरत कमल अब तक एशियाई खेलों में दो पदक जीत चुके हैं। यह उनका पांचवां और आखिरी टूर्नामेंट है। उन्होंने पिछले साल राष्ट्रमंडल खेलों में तीन स्वर्ण पदक जीते थे। पुरुष टीम ने पिछली बार कांस्य पदक जीता था और इस बार भी पदक की प्रबल दावेदार है। एशियाई खेलों में प्रतिस्पर्धा का स्तर राष्ट्रमंडल खेलों से काफी कठिन रहता है। शरत ने पिछली बार मनिका बत्रा के साथ कांस्य जीता था लेकिन इस बार मनिका एशियाई खेलों में जी साथियान के साथ उतरेंगी।