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उत्तराखंड

उत्तराखंड में हाई अलर्ट…पैरामिलिट्री फोर्स ने संभाला मोर्चा…राज्यपाल से मिले सीएम

 हल्द्वानी के बनभूलपुरा में गुरुवार शाम को  अतिक्रमण हटाने को लेकर बवाल हो गया। जिसके बाद प्रशासन ने देर शाम उपद्रवियों के पैर में गोली मारने के आदेश जारी किए। इस दौरान छह लोगों की मौत हो गई। प्रशासन ने शहर में कर्फ्यू लगा दिया है।

हालात का जायजा लेने पहुंचीं मुख्य सचिव और डीजीपी

हल्द्वानी हिंसा के बाद हालात का जायजा लेने के लिए उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी और डीजीपी अशोक कुमार मौके पर पहुंचे। कहा- हम लोग पहले पूरी स्थिति को अच्छे से अध्ययन करेंगे और फिर उसके क्या लीगल बिंदु है वो देखेंगे, सरकार के खिलाफ कोई भी कार्रवाई होगी तो जो भी उसमें दोषी होंगे उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। हम स्थिति का पूरा अध्ययन करने के बाद सीएम को विस्तृत जानकारी देंगे। दंगाइयों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई होगी। 

राज्यपाल से मिले सीएम धामी

 मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राजभवन में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह से मुलाकात की। उन्होंने राज्यपाल को बनभूलपुरा की मौजूदा स्थिति के बारे में जानकारी दी।

हरीश रावत ने जताई चिंता

हल्द्वानी में आगजनी और हिंसा की घटना पर पूर्व सीएम हरीश रावत ने चिंता व्यक्त की है। हरीश रावत ने कहा कि हल्द्वानी हमेशा से प्रेम, भाईचारे और सौहार्द का प्रतीक रहा है, वहां पर ऐसी घटना का होना दुर्भाग्यपूर्ण है। ऐसे में अगर शांत हल्द्वानी उबाल मार रहा है तो फिर यह गहन चिंता का विषय है। हरीश रावत ने सभी लोगों से शांति और सौहार्द बनाए रखने की अपील की है।

कोटद्वार में पुलिस प्रशासन हाई अलर्ट पर

हल्द्वानी की घटना के बाद कोटद्वार में पुलिस प्रशासन हाई अलर्ट पर है। हर संदिग्ध व्यक्ति पर नजर रखी जा रही है। माहौल खराब ना हो इस पर भी पूरी निगाह रखी जा रही है। पौड़ी जिले के तमाम पुलिस स्टेशनों से थानों से फोर्स को कोटद्वार बुला लिया गया है।

एक-एक दंगाई की पहचान कर कार्रवाई की जाए

सीएम धामी ने एडीजी कानून व्यवस्था और जिलाधिकारी नैनीताल को घटना के दोषियों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही कर क्षेत्र में शान्ति व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि आगजनी और पथराव करने वाले एक -एक दंगाई की पहचान कर उन पर कार्रवाई की जाए। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि प्रदेश में कानून व्यवस्था  के साथ खिलवाड़ करने वालों  पर सख्त से सख्त करवाई की जाए।

मुख्यमंत्री धामी ने बुलाई उच्च स्तरीय बैठक

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में शान्ति एवं कानून व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए एडीजी कानून और व्यवस्था ए.पी अंशुमान को प्रभावित क्षेत्र में कैंप करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने अवैध निर्माण को हटाए जाने के दौरान पुलिस एवं प्रशासन के अधिकारियों एवं कार्मिकों पर हुए हमले और क्षेत्र में अशान्ति फैलाने की घटना को सख्ती से लेते हुए अराजक तत्वों के विरुद्ध सख्त करवाई करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री आवास में उच्च स्तरीय बैठक लेते हुए मुख्यमंत्री ने उच्च अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिलाधिकारी नैनीताल से निरंतर समन्वय बनाकर रखें ।

पुलिस की लापरवाही की अलग से होगी जांच : भरने 

हल्द्वानी हिंसा पर पुलिस प्रवक्ता आईजी निलेश आनंद भरने ने कहा कि हिंसा में तीन लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। हालात पर लगातार नज़र रखी जा रही है। कई लोगों को गिरफ़्तारी की गई है। पूरे प्रदेश में संवेदनशील इलाक़ों में भी भ्रमण करने के निर्देश दिए गए है।

पैरामिलिट्री फोर्स ने संभाला हल्द्वानी में मोर्चा

भड़की हिंसा के बाद पैरामिलिट्री फोर्स ने हल्द्वानी में मोर्चा संभाला लिया है। छह जिलों से भारी फोर्स मंगाई गई है। वहीं पुलिस ने उपद्रवियों का चिह्नीकरण शुरू कर दिया है। कल तक सेना भी पहुंच जाएगी।

अराजकर तत्वों ने दिया घटना को अंजाम

डीएम ने कहा कि पंद्रह-बीस दिन से हल्द्वानी में अलग-अलग जगहों पर और उससे पहले भी उच्च न्यायालय के आदेश पर भी अतिक्रमण पर कार्रवाई हुई हैं। सरकार द्वारा भी अवैध अतिक्रमण हटाए जाने के लिए जिला स्तर पर टास्क फोर्स गठित की गई। सरकारी संपत्तियों की सुरक्षा के निर्देश दिए गए। सभी जगह विधिक रूप से कार्रवाई की गई है। सबकी बात सुनने के बाद हम आगे बढ़े। किसी विशेष संपत्ति को टारगेट करके नहीं किया गया। किसी को उकसाने की कोशिश नहीं की गई, लेकिन कुछ अराजकर तत्वों द्वारा इस घटना को अंजाम दिया गया।

डीएम ने की प्रेस कांफ्रेंस

हल्द्वानी में हुई हिंसा को लेकर जिलाधिकारी वंदना ने पत्रकारावार्ता में कहा कि कल तीन तरीके से हमला हुआ था। पहले पत्थरबाजी की गई। फिर पेट्रोल पंप जलाया और फिर थाना फूंका गया। हमारी कल भी सुरक्षा व्यवस्था पूरी थी। जिलाधिकारी ने कहा कि नगर निगम की टीम जहां थाना फूंका गया वहां सफाई करने गई है। सुरक्षा व्यवस्था पूरी की गई है।

उठ रहा सवाल… कार्रवाई से पहले सर्वे क्यों नहीं 
मलिक का बगीचा में बने अवैध मदरसे और धर्म स्थल को तोड़ने के लिए नगर निगम, प्रशासन और पुलिस की टीम क्षेत्र में बिना हवाई सर्वे के ही घुस गई। बीते चार फरवरी के विरोध के बावजूद पुलिस, प्रशासन और नगर निगम की टीम ने मामले को हल्के में ले लिया। कई मौकों पर ड्रोन से निगरानी करने वाले पुलिस प्रशासन कार्रवाई से पहले हवाई सर्वे तक नहीं करा पाया।

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