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उत्तराखंड

पिंजरे में कैद गुलदार को जिंदा आग के हवाले था किया, प्रधान सहित पांच ग्रामीणों को एक-एक साल कारावास

24 मई 2022 को पिंजरे में कैद गुलदार को आक्रोशित भीड़ ने जिंदा आग के हवाले कर दिया था। प्रकरण में वन दरोगा की तहरीर पर कोतवाली पौड़ी में तत्कालीन ग्राम प्रधान सहित पांच नामजद व 150 अज्ञात के खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, लोक सेवक के कामकाज में बाधा सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था।

मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पौड़ी की अदालत ने पिंजरे में कैद गुलदार को जिंदा आग के हवाले करने वाले तत्कालीन ग्राम प्रधान सहित पांच ग्रामीणों को एक-एक साल कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने पांचों दाेषियों को एक-एक साल के साधारण कारावास की सजा के साथ 3500-3500 का अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड जमा करने पर दोषियों को 15 दिन के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी।

पाबौ ब्लॉक के सपलोड़ी गांव में बीते 24 मई 2022 को पिंजरे में कैद गुलदार को आक्रोशित भीड़ ने जिंदा आग के हवाले कर दिया था। प्रकरण में वन दरोगा की तहरीर पर कोतवाली पौड़ी में तत्कालीन ग्राम प्रधान सहित पांच नामजद व 150 अज्ञात के खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, लोक सेवक के कामकाज में बाधा सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था।

विकास खंड पाबौ के भट्टी गांव, सरणा, कुलमोरी व सपलोड़ी सहित क्षेत्र के कई गांवों में वर्ष 2022 में गुलदार की लगातार आमद से दहशत बनी हुई थी। सपलोड़ी गांव निवासी सुषमा देवी अपनी सहेली के साथ बीते 15 मई 2022 की शाम को हरियालीसैंण के जंगल में काफल लेने गई थीं। घर लौटते समय शाम साढ़े छह बजे गुलदार ने सुषमा पर हमला कर दिया। जिसमें सुषमा की मौत हो गई थी। घटना के बाद से क्षेत्र के ग्रामीणों में भारी आक्रोश था।

वन विभाग ने घटना को वीभत्स व अमानवीय बताते हुए प्रकरण में एक तहरीर कोतवाली पौड़ी में दी थी। तत्कालीन वन दरोगा बुआखाल अनुभाग सतीश लाल की तहरीर पर पुलिस ने तत्कालीन ग्राम प्रधान सहित पांच ग्रामीणों के खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, लोकसेवक के कामकाज में बाधा, आपराधिक हमला सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था।

पुलिस ने जांच के बाद अदालत में 20 जुलाई 2023 को आरोप पत्र दाखिल किया था। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पौड़ी लक्ष्मण सिंह की अदालत ने सपलोड़ी के तत्कालीन ग्राम प्रधान अनिल कुमार नेगी, चोपड़ा के देवेंद्र सिंह व सरणा गांव की सरिता देवी, भुवनेश्वरी देवी व कैलाशी देवी को पिंजरें में कैद गुलदार को जिंदा जलाने का दोषी पाया है। अदालत ने उक्त को एक-एक साल के कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही दोषियों पर 3500-3500 का अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड जमा न करने पर दोषियों को 15-15 दिन की अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी।

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