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उत्तराखंड

अटकी-भटकी-लटकी योजनाओं को मिली नई दिशा, बीमा कवर सहित इन फैसलों पर लगी मुहर

धामी कैबिनेट ने कई अहम प्रस्तावों पर मुहर लगी।कर्मचारियों को अब 20 लाख तक का बीमा कवर मिलेगा। वहीं ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन के 11 स्टेशनों के 400 मीटर दायरे में निर्माण पर रोक लगाई गई।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की कैबिनेट ने शुक्रवार को उन फैसलों पर मुहर लगाई जो लंबे समय से अटके, लटके या भटके थे। इन फैसलों से सरकार ने मुद्दों को नई दिशा देने का काम किया है। इनमें कर्मचारियों से संबंधित सामूहिक बीमा योजना, पदोन्नति के मानकों में पूरे सेवाकाल में एक बार छूट (शिथिलीकरण), परिवहन निगम में मृतक आश्रितों के 195 पदों पर भर्ती से रोक हटाना, उद्योगों के नक्शों की पुरानी सीडा की व्यवस्था बहाल करना शामिल है।

इसके अलावा ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन के 11 स्टेशनों के 400 मीटर दायरे में निर्माण पर एक साल के लिए रोक लगाने के साथ ही मास्टर प्लान तैयार करने का निर्णय भी लिया गया है। सरकार ने राजस्व पुलिस से हटाकर रेगुलर पुलिस के लिए जो छह थाने और 21 चौकियां बनाई थीं, उनके लिए अब 327 पद सृजित करने पर भी मुहर लगाई है। मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु ने सीएम पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई बैठक में कुल 19 प्रस्तावों पर मुहर लगी।

इन फैसलों से मिलेगी नई दिशा

सामूहिक बीमा योजना : कर्मचारी सामूहिक बीमा एवं बचत योजना के तहत जहां प्रीमियम बढ़ा दिया गया है, तो वहीं बीमा कवर भी 20 लाख रुपये तक कर दिया है। ग्रेड-पे के हिसाब से जिन कर्मचारियों से प्रीमियम 100 रुपये लिया जाता था, उनसे 350 रुपये लिया जाएगा। उन्हें एक के बजाए पांच लाख का बीमा कवर मिलेगा। 200 रुपये प्रीमियम को बढ़ाकर 700 रुपये किया गया है, जिन्हें बीमा कवर दो लाख के बजाए 10 लाख मिलेगा। 400 रुपये प्रीमियम को बढ़ाकर 1400 रुपये प्रतिमाह किया गया है। ऐसे कर्मचारियों को चार लाख के बजाए 20 लाख का बीमा कवर मिलेगा।

पदोन्नति में शिथिलीकरण : प्रदेश में पहली बार पदोन्नति में शिथिलीकरण 2010 में बनी थी। बाद में 2015 व 2021 में दोबारा लाई गई थी। इसकी अवधि पिछले साल समाप्त हो गई थी। कर्मचारी संगठन इसे बढ़ाने की मांग कर रहे थे। 30 जून 2024 तक यह नियमावली दोबारा लागू कर दी गई है।

मृतक आश्रितों की भर्ती : परिवहन निगम में 2017 में मृतक आश्रित भर्ती के 195 पदों को खराब वित्तीय स्थिति की वजह से फ्रीज कर दिया गया था। इस वजह से जहां मृतक आश्रितों के पदों की वेटिंग बढ़ रही थी, तो वहीं निगम में रिक्त पद भी उपलब्ध हैं। इन पदों को अनफ्रीज कर दिया गया है। मृतक आश्रितों की भर्ती हो सकेगी।

मंदिर समितियों में भर्ती : बदरीनाथ व केदारनाथ मंदिर समिति में भर्ती व वेतन का काम समिति के स्तर से होता है, लेकिन यहां भर्ती के लिए आज तक कोई नियमावली नहीं थी। अब मंदिर समितियों में कार्मिकों व धार्मिक व्यक्तियों के लिए अलग-अलग सेवा नियमावली पर कैबिनेट ने मुहर लगा दी है।

नए थाने-चौकियों में 327 पद सृजित : सरकार ने राजस्व पुलिस से हटाकर जो क्षेत्र रेगुलर पुलिस के हवाले किए थे, उनके लिए छह थाने और 21 चौकियां बनाईं थीं। इनमें तात्कालिक तौर पर अन्य थानों से फोर्स भेजी गई थी। अब इनके लिए सब इंस्पेक्टर से लेकर कांस्टेबल तक के 327 नए पद सृजित करने की अनुमति कैबिनेट ने दे दी है। पुलिस की कांस्टेबल, दरोगा व अन्य भर्तियों में ये पद भी शामिल होंगे।

निर्माण पर रोक : ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेललाइन में 11 रेलवे स्टेशन ऋषिकेश, शिवपुरी, व्यासी, सिराला, चिलगढ़ मल्ला, मलेथा, श्रीनगर, धारीदेवी, तिलणी, घोलतीर, गौचर बनने हैं। कैबिनेट ने इनके 400 मीटर दायरे में सभी तरह के निर्माण पर एक साल के लिए रोक लगा दी है। यहां का मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा। उसी हिसाब से निर्माण होंगे। ताकि टाउनशिप बेहतर बन सकें।

उद्योगों के नक्शे की पुरानी व्यवस्था : राज्य में सभी उद्योगों के भवनों के नक्शे राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (सीडा) से पास कराने की पुरानी व्यवस्था दोबारा लागू कर दी गई है। पूर्व में सरकार ने इस पर रोक लगाकर जिलों के विकास प्राधिकरणों को ये जिम्मेदारी सौंप दी थी।

ये भी फैसले हुए

  • प्रदेश में अब नालों से 50 के बजाए पांच मीटर दूरी पर भी पेट्रोल या डीजल पंप खोल सकेंगे। नदियों से दूरी का मानक 50 मीटर ही रहेगी।
  • समान नागरिक संहिता के लिए समय-समय पर हुए आदेशों को कैबिनेट ने अनुमोदन दिया।
  • समूह-ग के मृतक आश्रितों के पदों पर राज्य लोक सेवा आयोग से भर्ती पर रोक हटाई। आयोग भी समूह-ग की भर्ती में मृतक आश्रितों को शामिल कर सकेगा।
  • प्रदेश के 60 प्रतिशत अंत्योदय व बीपीएल परिवारों को सरकार हर महीने आठ रुपये की दर से एक किलो आयोडाइज्ड नमक देगी।
  • दून के ट्रांसपोर्ट नगर स्थित नवीन लघु पशु रेफरल सेंटर में नौ पदों के सृजन को मंजूरी, आउटसोर्स से भरे जाएंगे।
  • केंद्र की योजना के तहत 60 पशु चिकित्सा मोबाइल वैन के साथ अब बचे हुए 35 ब्लॉक में राज्य सरकार अपने खर्च से 35 मोबाइल वैन चलाएगी। ये वैन पांच साल तक ट्रायल में रहेंगी।
  • स्वास्थ्य विभाग की तर्ज पर अब पशु चिकित्सालयों में लिए जाने वाले यूजर चार्ज का 75 प्रतिशत हिस्सा अस्पताल रखेंगे, जबकि 25 प्रतिशत हिस्सा ट्रेजरी में जमा कराएंगे। 75 प्रतिशत से वे इमरजेंसी में दवाएं व उपकरण खरीद सकेंगे।
  • पीजी करने वाले डॉक्टर अब एक के बजाए दो साल तक मेडिकल कॉलेज में बतौर सीनियर रेजीडेंट रहेंगे। इससे नेशनल मेडिकल कमीशन से पीजी की और ज्यादा सीट मिल पाएंगी। उनकी यह अवधि बांड के तहत मानी जाएगी।
  • मुख्य विकास अधिकारी के दो पद अब उपायुक्त परियोजनाएं के नाम से भरे जाएंगे। मुख्यमंत्री ने पूर्व में विचलन से इसकी मंजूरी दी थी, जिसे कैबिनेट के संज्ञान में लाया गया।
  • मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट का लाभ मां को अब केवल दो बालिका पैदा होने पर ही नहीं, बल्कि एक बालक व एक बालिका पैदा होने पर भी दिया जाएगा।
  • आईटी विभाग में संविदा कर्मचारियों के ढांचे में मुख्य प्रशासक, लिपिकीय समेत कुछ संविदा पदों का वेतनमान कम किया गया था। मुख्यमंत्री ने विचलन से इसका फैसला लिया था, जिसे कैबिनेट के संज्ञान में लाया गया।
  • संघ लोक सेवा आयोग या डिफेंस फोर्सेज की भर्ती परीक्षा देने वाले युवाओं को प्री परीक्षा पास करने के बाद मुख्य परीक्षा की तैयारी के लिए 50 हजार के बजाए एक लाख रुपये सरकार देगी। अब तक 300 से ज्यादा युवाओं को इसका लाभ मिल चुका है।
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