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उत्तराखंड

फिर खनकेगी छैया-छैया के अंदाज में सुपरहिट गायक की आवाज, बोले-पुराने नटखट अंदाज संग हूं आ रहा

सुपरहिट गायक सुखविंदर सिंह ने कहा कि संगीत की कोई धर्म-जाति नहीं होती। जब कोई भी गाना लिखा जाता है तो कलाकार या गायक देखकर नहीं लिखा जाता। फिल्म की कहानी और कलाकारों की मौजूदा अवस्था को देखकर गीत को तैयार किया जाता है।

अपनी आवाज से लोगों के दिलों में जगह बना चुके सुपरहिट गायक सुखविंदर सिंह एक बार फिर पुराने अंदाज में गाना गाते हुए नजर आएंगे। आने वाले दिनों में उनके नए गीत जय हो और छैया-छैया जैसे पुराने अंदाज में खनकते हुए सुनाई देंगे। इसके लिए उन्होंने अपने सालों पुराने नटखट अंदाज को एक बार फिर जिंदा कर कर लिया है।

गायक सुखविंदर सिंह एक निजी कार्यक्रम में प्रस्तुति देने के लिए दून आए थे। बातचीत में उन्होंने कहा, संगीत की कोई धर्म-जाति नहीं होती। जब कोई भी गाना लिखा जाता है तो कलाकार या गायक देखकर नहीं लिखा जाता। फिल्म की कहानी और कलाकारों की मौजूदा अवस्था को देखकर गीत को तैयार किया जाता है।

बस वह गाना चुनने हुए इस बात का बहुत गंभीरता से ध्यान रखते हैं कि गीत के बोल में कोई अपशब्द तो नहीं हैं। उन्होंने कहा, वह अपने जीवन में कभी भी कोई अपशब्द वाला गीत नहीं गाएंगे और ना अभी तक उन्होंने गाया। संगीत की शुद्धता को बनाए रखने के लिए गानों के लिए भी सेंसरशिप होनी चाहिए। बताया, आने वाले दिनों में दर्शकों को उनके कई गाने सुनने को मिलेंगे। संवाद

देश की जनसंख्या है सबसे बड़ी समस्या

गायक सुखविंदर सिंह ने कहा, हमारे देश की जनसंख्या सबसे बड़ी समस्या है। समय रहते हमें इसे नियंत्रित करना होगा। अगर जनसंख्या नियंत्रित हो गई तो प्रत्येक देशवासी को आसानी से सभी सुविधाएं उपलब्ध हो सकेंगी।

झकझोर कर रख दिया सिलक्यारा की घटना ने

गायक सुखविंदर सिंह ने कहा, उनका उत्तराखंड से उनका गहरा नाता है। अपने शुरुआती दिनों में वह पंजाब की तरफ से उत्तराखंड के हल्द्वानी में खेलने कई बार आए। बीते महीने उत्तरकाशी जिले के सिलक्यारा में हुई सुरंग घटना ने उन्हें झकझोर कर रख दिया। 41 मजदूरों की सलामती के लिए वह हर रोज प्रार्थना करते थे और जब वह 17वें दिन सुरंग से बाहर आए तो उन्होंने ईश्वर का धन्यवाद किया।

हिमाचल और उत्तराखंड के लिए गाएंगे प्रार्थना

सुखविंदर ने कहा, उत्तराखंड और हिमाचल पहाड़ी राज्य होने की वजह से कई बार प्राकृतिक आपदाओं की चपेट में आते हैं। दोनों राज्यों की खुशहाली और प्रगति के लिए एक प्रार्थना तैयार करेंगे और बच्चों के साथ उसे रिकॉर्ड करेंगे। इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई मंत्रियों से बात भी की है। कहा, पहाड़ों को समझना होगा, तभी हम यह जान पाएंगे कि हमें पहाड़ को छेड़ना है या विकास करना है।

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