सांस, फेफड़े और दिल के मरीजों की होगी निगरानी, उत्तराखंड में अभी नए वेरिएंट का कोई मामला नहीं
अस्पतालों में कोविड से बचाव के लिए जारी गाइडलाइन का पालन करने के निर्देश दिए गए हैं। सचिव स्वास्थ्य की ओर से कहा गया कि सांस, फेफड़े और हृदय रोगियों की निगरानी की जाएं और उनके इन्फ्लुएंजा की जांच की जाए। अस्पतालों से ऐसे मरीजों की सभी जानकारी पोर्टल में दर्ज करने के निर्देश भी दिए।
देश में कोविड-19 के नए वेरिएंट के मामले सामने आने के बाद मंगलवार को शासन ने राज्य में भी कोविड से बचाव की एडवाइजरी जारी कर दी है। इसके तहत सभी सांस, फेफड़े, दिल के मरीजों की निगरानी होगी। संदिग्ध मरीजों की जांच भी की जाएगी और पॉजिटिव पाए जाने पर तत्काल उसकी सूचना पोर्टल पर देनी होगी।
शासन ने सभी अस्पतालों को कोविड बचाव संबंधी तैयारियां पुख्ता करने के भी निर्देश दिए हैं। सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर राजेश कुमार की ओर से जारी एडवाइजरी के मुताबिक, प्रदेश सरकार कोविड-19 के नए वेरिएंट जेएन-1 को लेकर सतर्क हो गई है। उन्होंने कई राज्यों में मामले आने के बाद उत्तराखंड में भी सभी जिलों व अस्पतालों के लिए ये एडवाइजरी जारी की है।
अस्पतालों से जानकारी पोर्टल में दर्ज करने के निर्देश
डाॅ. कुमार ने सभी जिलाधिकारियों और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिए कि अस्पतालों में कोविड से बचाव के लिए जारी गाइडलाइन का पालन करें। सांस, फेफड़े और हृदय रोगियों की निगरानी की जाएं और उनके इन्फ्लुएंजा की जांच की जाए। अस्पतालों से ऐसे मरीजों की सभी जानकारी पोर्टल में दर्ज करने के निर्देश भी दिए।
इसके साथ ही कहा, लोगों को सांस, स्वच्छता के प्रति भी जागरूक किया जाए। प्रदेश में अब तक कोविड-19 के नए वेरिएंट जेएन-1 का कोई मरीज नहीं है। एहतियात के तौर पर प्रदेश के सभी अस्पतालों को अलर्ट किया गया है। स्वास्थ्य सचिव ने राज्य के समस्त डीएम, सीएमओ को पत्र लिखा है। कहा, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से सोमवार को जारी एडवाइजरी के मद्देनजर राज्य में भी निगरानी जरूरी है।
एडवाइजरी में ये भी कहा गया कि संदिग्ध मरीजों की पहले एंटीजन फिर आरटीपीसीआर जांच कराई जाए। इसमें पॉजिटिव आने वाले मरीजों की जीनोम सिक्वेंसिंग जरूर कराएं, ताकि कोविड के वेरिएंट की जानकारी मिल सके।