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उत्तराखंड

 मुरादाबाद मंडल की सीटों पर होगा घमासान, हर दल की राह मुश्किल; बसपा बिगाड़ेगी सबका खेल

मुरादाबाद मंडल की सीटों पर घमासान होगा। हर दल की राह मुश्किल है। मुरादाबाद मंडल की छह लोकसभा सीटें 2019 के चुनाव में भाजपा हार गई थी। भाजपा उप चुनाव में सिर्फ रामपुर संसदीय सीट पर कब्जा जमाने में सफल रही थी। 

लोकसभा चुनाव में सभी प्रमुख राजनीतिक दल क्षेत्रीय और जातीय संतुलन के आधार पर अपने प्रत्याशी उतारेंगे, लेकिन भाजपा ने मंडल की चार सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर अन्य राजनीतिक दलों को प्रत्याशी घोषित करने के लिए मजबूर कर दिया है। हालांकि, मुरादाबाद लोकसभा सीट के लिए किसी दल ने अपना प्रत्याशी घोषित नहीं किया है।

मुरादाबाद मंडल की छह लोकसभा सीटें 2019 के चुनाव में भाजपा हार गई थी। इसी कारण अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए भाजपा ने नगीना, संभल, अमरोहा और रामपुर की सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। भाजपा उप चुनाव में सिर्फ रामपुर संसदीय सीट पर कब्जा जमाने में सफल रही। 

इसी कारण भाजपा 2024 के चुनाव में कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है। पिछले चुनाव में सपा, बसपा और रालोद एक साथ मिलकर चुनाव लड़े थे। इस बार बसपा अकेले चुनाव लड़ रही है। अभी सपा और कांग्रेस गठबंधन की तरफ से मंडल में एक भी सीट पर प्रत्याशी घोषित नहीं किया गया है। 

रणनीतिकारों का मानना है कि बसपा के अकेले लड़ने के कारण मंडल की सभी लोकसभा सीटों पर घमासान होगी। अभी मंडल में मुरादाबाद, संभल सीट पर सपा का कब्जा है। संभल में प्रत्याशी घोषित होने के बाद सांसद डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क का निधन हो गया। 

2019 के चुनाव में नगीना, बिजनौर और अमरोहा सीट पर बसपा के प्रत्याशी विजयी रहे। रणनीतिकारों का मानना है कि भाजपा को पिछले चुनाव में 40 से लेकर 42 प्रतिशत मत मिले थे। 2024 के चुनाव में भाजपा और विरोधी दलों के बीच घमासान होगा। दोनों तरफ के रणनीतिकार अलग-अलग ढंग से मुरादाबाद मंडल की सीटों पर जीत का दावा कर रहे हैं।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने लिया चुनावी तैयारी का जायजा
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह ने लोनिवि के गेस्ट हाउस सिविल लाइंस में रविवार को क्षेत्रीय अध्यक्ष सत्येंद्र सिसोदिया, क्षेत्रीय अध्यक्ष हरिओम शर्मा से चुनाव की तैयारियों के बारे में जानकारी ली। 

बताया कि प्रत्याशी कभी भी घोषित हो सकते हैं। इस कारण चुनाव की तैयारियों में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना है। इस दौरान जिलाध्यक्ष आकाश पाल भी मौजूद रहे। उन्होंने जीत के लिए मंडल का खाका खींचा। मंत्र दिया कि बसपा भले ही अकेले चुनाव लड़ने जा रही है, लेकिन तैयारी जीत दर्ज करने के लिए होनी चाहिए।

जीत के लिए दावेदारों पर तीनों दल कर रहे मंथन
भाजपा ने मंडल के पांच लोकसभा सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर मनोवैज्ञानिक बढ़त हासिल कर ली है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और प्रतीत हो रहा है। अभी मुरादाबाद सीट के लिए भाजपा, सपा और बसपा ने प्रत्याशी घोषित नहीं किए हैं। तीनों दल अभी दावेदारों पर मंथन कर रहे हैं।

भाजपा के मुरादाबाद जिला प्रभारी ने प्रदेश कार्यालय को छह दावेदारों की सूची प्रदेश कार्यालय को सौंपी थी। इसी सूची से तीन नाम छांटकर केंद्रीय चुनाव समिति को भेजे गए हैं। केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक आठ मार्च को संभावित है। भाजपा के वरिष्ठ नेता दावेदारों की सूची के बारे में जानकारी इकट्ठी कर रहे। साथ ही चुनाव प्रचार सामग्री के साथ भाजपा का प्रचार अभियान जारी है।

इधर गठबंधन में शामिल सपा के खाते में मुरादाबाद लोकसभा की सीट है। यहां से तीन दावेदारों की सूची प्रदेश सपा अध्यक्ष को भेजी गई है। अभी सपा के वरिष्ठ नेता दावेदारों की सूची को अंतिम रूप नहीं दिए हैं। बसपा के जिलाध्यक्ष डॉ. सुनील आजाद का कहना है कि उनकी पार्टी से पांच लोग चुनाव लड़ना चाहते हैं।

इनमें तीन मुस्लिम और हिंदू दावेदार शामिल हैं, लेकिन नामों का खुलासा अभी नहीं किया जाएगा। पांचों लोगों की सूची विचार के लिए प्रदेश अध्यक्ष के पास भेजी गई है। तीनों दलों ने अभी प्रत्याशी फाइनल नहीं किया है। इसी कारण समर्थक भी पशोपेश में हैं।

बसपा खेल बिगाड़ेगी
बसपा ने अभी प्रत्याशी घोषित नहीं किए हैं, लेकिन राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि बसपा गठबंधन या भाजपा का समीकरण बिगाड़ेगी। वहीं भाजपा नेता यह मानकर चल रहे हैं कि बसपा के लड़ने से उनको फायदा मिलेगा। वैसे सभी दलों को प्रत्याशियों की सूची घोषित होने का इंतजार है।

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