उत्तराखंड क्रांति दल के दो बार केंद्रीय कार्यकारी अध्यक्ष रहे हरीश पाठक का निधन हो गया है।
राज्य आंदोलन में लंबे समय तक सक्रिय रहे और उत्तराखंड क्रांति दल के दो बार केंद्रीय कार्यकारी अध्यक्ष रहे हरीश पाठक का निधन हो गया है।
वह 55 वर्ष के थे। पाठक के निधन से क्षेत्रीय दल उक्रांद के साथ ही राज्य की क्षेत्रीय ताकतों को बड़ा झटका लगा है। पाठक ने पूर्व मुख्यमंत्री व महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के विपक्ष में कपकोट विधानसभा से चुनाव भी लड़ा था।
उक्रांद के पूर्व केंद्रीय अध्यक्ष डॉ नारायण सिंह जंतवाल के अनुसार पाठक दल के केंद्रीय महामंत्री, मुख्य प्रवक्ता भी रहें। उनके अनुसार अपनी सक्रियता समर्पण व साफगोई से पाठक ने दल में अपना विशिष्ट स्थान बनाया,दल के साथ ही प्रदेश के राजनीतिक सर्किल में एक जाना पहचाना चेहरा थे। पाठक जब से दल से जुड़े , तभी से दल के एजेंडे को बढ़ाने में जुटे रहे।
वे कुछ समय से बीमार थे परन्तु उनके जज्बे में कोई कमी नहीं थी, अच्छे लोगों को दल से जोड़ने की उनकी मुहिम जारी थी। खासकर बागेश्वर क्षेत्र में विचारवान व संघर्ष शील साथियों को कुछ समय पूर्व ही उन्होंने दल से जोड़ा। उक्रांद व उत्तराखंड के सरोकारों के लिए जो अनुकरणीय योगदान दिया है, उसे सदैव याद रखा जाएगा। शाम को दल की ओर से पाठक के निधन पर शोक सभा आयोजित की जा रही है।
हरीश पाठक के निधन पर उनके पैतृक गांव दशौली में शोक की लहर दौड़ गई है। राज्य आंदोलनकारी और उक्रांद ने शोक सभा आयोजित की और उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया। राज्य आंदोलनकारी हेम पंत ने कहा कि उत्तराखंड के एक सच्चा आंदोलनकारी खो दिया है। उक्रांद को भी झटका लगा है। उत्तराखंड के हितलाभों से जुड़े सवालों और गैरसैंण राजधानी के लिए वह निरंतर संघर्षरत रहे। उनके निधन से सभी स्तब्ध हैं। गैरसैंण राजधानी के लिए एकजुट संघर्ष ही उनको सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
व्यापार मंडल भराड़ी के अध्यक्ष शेर सिंह ऐठानी ने कहा कि पाठक ने उक्रांद से कपकोट विधानसभा से चुनाव भी लड़ा था। आयोजित शोकसभा में उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस दौरान मेहमान सिंह, कैलाश जोशी, पितांबर जोशी, केवल आनंद जोशी, दिलीप सिंह, केशर सिंह आदि आदि मौजूद थे। इधर, उक्रांद के जिलाध्यक्ष हीरा बल्लभ भट्ट ने कहा कि पार्टी ने एक सच्चा सिपाही खो दिया है। उनके असमायिक निधन पर एनबी भट्ट, रमेश कृषक, पूर्व विधायक ललित फस्वार्ण, पूर्व जिपंअ हरीश ऐठानी, पूर्व दर्जामंत्री राजेंद्र टंगड़िया आदि ने गहरा दुख जताया है।